मेरे विचार में अगर आप इन आलेखों के स्कैन इमेज के बजाए यूनिकोड हिन्दी में टाइप की हुई सामग्री डालें तो वो ज्यादा लोगों के ज्यादा काम की होगी क्योंकि उसे फिर गूगल सर्च के जरिए खोजा जा सकेगा
मैं एक सुलझा हुआ एक पत्रकार हूँ. बिगत कुछ वर्षों से पत्रकारिता से जुदा हुआ हूँ. एक चैट शो देखकर मैं इस क्षेत्र में आया सोचा था की यहाँ मैं समाज में एक क्रांति लावूँगा. पर यहाँ आकर देखा सबकुछ एकदम अलग है तो मैं भी सबकी तरह चल पड़ा. पर अब भी मैं अपने आपको एक मूल पत्रकार के आचरणों से अलग पाता हूँ हो सकता है की ये मेरी कमी हो पर मैं अपने से खुश हूँ.
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मेरे विचार में अगर आप इन आलेखों के स्कैन इमेज के बजाए यूनिकोड हिन्दी में टाइप की हुई सामग्री डालें तो वो ज्यादा लोगों के ज्यादा काम की होगी क्योंकि उसे फिर गूगल सर्च के जरिए खोजा जा सकेगा
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