शनिवार, 14 मार्च 2009

बुढ़ापे का प्यार ठरक्पन नहीं है क्या???

आज(शनिवार 14 मार्च) जब मैंने अपना जीमेल का अकाउंट लागिन किया तो उसमें एक बड़े भाई केचैट स्टेटस में कुछ इस तरह की लाइनें नजर आ रही थीं(मेरे टूटे हुए दिल से, कोई ये आज तो पूछे कि तेरा हाल क्या है, कि तेरा हाल क्या है...)। मैंने उनको बोला भाई इस उम्र में आपका ये हाल किसने किया? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि प्यार की कोई उम्र नहीं होती। भाई साहब शादी शुदा हैं उनको मैं करीब से जानता हूं लड़कियों में कोई खास दिलचस्पी नहीं रखते फिर भी मेरे से इस बात पर उलझ पड़े कि प्यार की कोई उम्र नहीं होती। आपने अक्सर इस वाक्य को सैकड़ों अधेड़ या फिर बुजुर्ग लोगों के मुंह से सुन रखा होगा। मैंने जवाब दिया नहीं प्यार की उम्र होती है कि अगर सही समय में 25, 30 साल की अवस्था तक आपको प्यार नहीं हुआ और इसकेबाद आप प्यार सिर्फ ये बात सोचकर करना चाहते हो कि प्यार की कोई उम्र नहीं होती तो मुझे ये गलत लगता है। मेरा मानना है कि एक उम्र के बाद होने वाला प्यार सिर्फ ठरक्पन है। अब उदाहरण के तौर पर कई नामों को गिनाया जा सकता है पर मैं मौजूदा परिप्रेक्ष्य में चांद मोहमद और फिजा मोहमद केठरकी प्यार की ही बात यहां पर करूंगा। प्यार की उम्र होती है यह बात इनकी ऊलजुलूल कहानी से पता चलता है। आफिस में एक लड़की अपने बूढ़े या अधेड़ बास से सिर्फ प्रमोशन केलिए दोस्ती करती है। हिंदी मीडिया में इसे हर जगह कोई भी देख सकता है लड़की देखी बास की सारी जवानी की तमन्नाएं जवां हो गईं। कोई उनका जानने वाला मिला तो चाय केसमय पर यह बात भी कहना नहीं भूले कि प्यार की कोई उम्र नहीं होती। घर में उसी उम्र की लड़की है जिससे महोदय प्यार की पीगें लड़ाने की कोशिश कर रहे होते हैं। जो लड़कियां समझौतरा नहीं करतीं वे या तो संस्थान से विदा हो जाती हैं या फिर उन्हें बदनाम करके निकाल दिया जाता है। ये सिर्फ इसलिए कि प्यार की कोई उम्र नहीं होती। मैं दुनिया का सबसे बड़ा ठरकी आदमी सलमान रुश्दी को मानता हूं उनकेसाहित्य में क्या दम है सिर्फ इसलिए नहीं पढ़ना चाहता कि जिसका आचरण इतना घिनौना है तो उस व्यçक्त की लेखन शैली कितनी घटिया होगी। `प्यार की कोई उम्र नहीं होती´ इस वाक्य केनाम पर प्यार को बदनाम करने वालों की दुनिया में कमी नहीं है। पर आपको एक चीज बता दूं ये निशŽद वाला प्यार सिर्फ उसी समय साकार रूप लेता है जब बूढ़ा बंदा पैसे वाला होता है या फिर उसके हाथ में पावर होती है। इस उदाहरण में चाहे सलमान रुश्दी को देख लो या फिर मटुक नाथ या चांद मोहमद की उदाहरण ले लो। ऐसे में मैं आप से जानना चाहता हूं कि क्या सच में प्यार की कोई उम्र नहीं होती? क्या यह सही है जिसे एक बुजुर्ग व्यçक्त को अपनी बेटी वाला प्यार देना चाहिए वह उससे पत्नी की तरह व्यवहार करना चाहता है। मेरे बातचीत के बीच में भाई साहब ने खफा होकर कहा राधा-कृष्ण की शादी नहीं हुई थी। पर वे एक दूसरे से प्यार करते थे उनकी इस बात पर मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि कृष्ण भगवान ने इसके अलावा कई और बड़े काम किए थे जिसमें कंस के सहित ढेरों राक्षसों का बध शामिल है। अगर हम उनकेइस आचरण को नहीं अपना सकते तो बुरे आचरण पर ध्यान केंद्रित क्यों करते हैं। मैंने तो लिख दिया कि प्यार की कोई उम्र नहीं होती यह सही है या गलत इस पर मेरी यह राय है। अब आप बताएं कि आपको क्या लगता है।

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

जब मियां बीवी राजी तो क्या करेगा काजी