रविवार, 13 जुलाई 2008

मुंबई ने किया करूणाकर के ज़ज्बे को सलाम

करूणाकर के मामले को अब मुंबई के एक प्रतिष्टित अखबार नवभारत टाईम्स ने उठाया है। जिसे पढ़कर बहुत से लोग करूणाकर से जुड़ गए हैं। और करूणाकर की तवियत के बारे में जाने की इच्छा जताई. मैं इसके लिए माफी चाहता हूँ की करूणाकर की कुशल चेम नही दे सका. पर आज मैं आपको सारी जानकारी दे देता हूँ. करूणाकर अब पूरी तरह से स्वस्थ महसूस कर रहा है. उसे भूख लग रही है तथा डॉक्टर साहब के दवाइयों को नियमित ले रहा है. अभी जब मैंने उसे फ़ोन किया तो नेटवर्क सही नही आ रहा था तो करूणाकर फ़ोन लेकर अपनी चाट पर लकडी के सीढियों से चढ़ गया मुझसे बात करने के लिए. वहां जब वो बात कर रहा था तो उसकी सांसें ऊपर नीचे हो रही थीं. मैंने उसे खूब दांत लगाई की अब आगे से ऐसा मत करना. दांत खाकर वो सॉरी बोल रहा था पर वो बात करते हुए पूरी तरह से खुश था. आज एक बार फिर से मुंबई में नवभारत टाईम्स के द्वारा ख़बर छपने से बहुत से लोगों ने करूणाकर की मदद को हाथ आगे बढ़ा दिया है. मुंबई के वार्ष्णेय ट्रस्ट के दिनेश वार्ष्णेय ने करूणाकर को २ हज़ार रूपये की मदद की है. जो की सोमवार तक उसके खाते में आ जायेगी. इसके साथ ही नॉएडा के सेक्टर १८ में कपड़े का शोरूम चलने वाले अमित गुप्ता ने ५०० रूपये तथा. अमर उजाला के सीनियर सब एडिटर गौरव त्यागी ने १००० हज़ार रूपया और अजय नथनी जी की अगवाई में उनके स्पोर्ट्स डेस्क ने भी १००० रूपये देने का वादा किया है. ये सभी लोग ये राशि सोमवार को करूणाकर के खाते में जामा करवा देंगे. वैसे आपको ये बताना ज़रूरी है की डॉक्टर रूपेश जिस तरह से उसकी मदद कर रहे हैं वैसा और कोई भी करूणाकर के लिए नही कर सकता था. क्यूंकि पैसा तो हर कोई दे सकता है पर इलाज़ तो एक डॉक्टर ही कर सकता है. अगर आप मुंबई के रहने वाले हैं तो करूणाकर की ख़बर पेज नम्बर पाँच पर नवभारत टाईम्स में ज़रूर देंखें. मैं अगली पोस्ट ज़ल्द लिखूंगा.
अमित द्विवेदी

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