मंगलवार, 19 मई 2009

समर्थन ले लो समर्थन ले लो, बिना शर्त समर्थन ले लो

समर्थन ले लो समर्थन ले लो। फ्री में समर्थन ले लो। कैबिनेट में जगह भी मत दो मुझे मंत्री भी मत बनाओ पर समर्थन ले लो समर्थन लो। आजकल देश में समर्थन कुछ इस अंदाज में बिक रहा है जैसा कि उस सब्‍जीमंडी में सब्‍जी धेले के भाव बिकने लगती है जहां बरसात शुरू हो जाती है। यूपीए से कई दलों ने चुनाव पूर्व गठबंधन इसलिए नहीं किया क्‍योंकि उन्‍हें लगता था कि कांग्रेस सत्‍ता से बाहर होने जा रही है। पर सबको इसके उलट परिणाम मिला। कांग्रेस इतनी मजबूती के साथ लोगों के बीच आई कि उसे किसी से समर्थन मांगने की जरूरत ही नहीं है। अब ऐसे में कई छोटी पार्टियों को पांच साल बाहर रहने के सिवा और कोई चारा नहीं रह जाता। खासकरके लालू और मुलायम के लिए यह बनवास जैसा है क्‍योंकि उनकी सरकार प्रदेश में भी नहीं है। अब यह बनवास पांच साल तक विपक्ष में बैठकर काटना इन पार्टियों को गंवारा नहीं है। लालू यादव अब अपनी गलती स्‍वीकार रहे हैं और कह रहे हैं कि भाई याद करो मैंने पिछली यूपीए सरकार में कितनी अहम भूमिका निभाई ऐसे में कुछ तो आप हमारी इज्‍जत करो। ये वही लालू हैं जिन्‍होंने मुलायम और पासवान के साथ एक मंच पर खडे होकर कहा था कि कांग्रेस बाबरी मस्जिद तोडवाने की जिम्‍मेदार थी। इतने सालों की राजनी‍ति में पहली मर्तवा लालू के साथ ऐसा हो रहा है कि उन्‍हें कोई नहीं पूछ रहा है अब वे ही लालायित होकर कांग्रेस की तरफ आस भरी नजरों से देख रहे हैं। इन पार्टियों को छोडो जिन्‍होंने एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लडा था अब वे भी कांग्रेस में जाना चाहती हैं रालोद के सामने तो कांग्रेस ने विलय जैसी बडी शर्त रख दी है इसके बावजूद अभी भी अजीत कह रहे हैं कि समर्थन ले लो बिना शर्त समर्थन देने को हम तैयार हैं। वहीं दूसरी ओर मायावती ने भी अपना समर्थन केंद्र सरकार को देने का ऐलान कर दिया है। यह स्थिति देखकर हंसी आती है और उन नेताओं पर दया जो अपने लाभ के लिए चंद महीने पहले कांग्रेस का साथ छोड गए थे। आज सरकार बनाने जा रही कांग्रेस को इन सबकी जरूरत नहीं है बल्कि इन सबको कांग्रेस की जरूरत है। इसीलिए हर कोई आज कांग्रेस के नगर में जोर-जोर से आवाज लगाकर कह रहे हैं कि समर्थन ले लो, बिना शर्त समर्थन ले लो, हमें कुछ नहीं चाहिए बस हम आपकी पार्टी का साथ देना चाहते हैं। ऐसी मार कभी जनता ने नेताओं को नहीं दिया जैसा इस बार दिया है। जिसके चलते अब इन नेताओं को फेरी वाले की तरह आवाज लगाकर समर्थन बेंच रहे हैं।

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