शनिवार, 12 जुलाई 2008

राम राज्य में ऐसा भी

मेरे जिम में दो लडकियां आती हैं। वो जिम में व्यायाम करने कम बल्कि इसका पता लगाने आती हैं की जिम में उन्हें कितने लोगों से कमेन्ट मिलता हां। उनकी आदत ठीक एक नए ब्लोगर की तरह है जो अपने हर पोस्ट पर ये देखना चाहता है की उसे लोगों से कितने कमेन्ट मिले हैं. इसे जानने के लिए वो अपने ब्लॉग का सबसे अधिक विज़िट करने वाला होता है पर बाद में ये देखकर खुश हो जाता है की आज उसे इतने लोगों ने विज़िट किया भले ही उन विजिटर में उसकी ख़ुद की संख्या ९० फीसदी होती है. तो मैं उन लड़कियों की कहानी सूना रहा था. तो जिम का कोई भी ऐसा बन्दा नही है जो उनसे वाकिफ ना हो. तीन घंटे रोज़ जिम में बिताने के कारन एक मैडम तो सूख के मिनुस जेरो साइज़ में पहुँच गयी हैं. फिर भी वो रोज़ एब्स और लेग्स का व्यायाम करती हैं. वैसे मुझे वो क्या करती हैं इससे मतलब नही होना चाहिए पर इसे बताना इसलिए ज़रूरी थी क्यूंकि किसी और की कहानी में उनकी ये भूमिका देनी ज़रूरी थी ठीक सरस्वती बंदना की तरह. एक दिन मेरे पास एक लड़का आया जो की मुझसे रोज़ जिम में हेल्लो करने आता है. उसने उस लडकी का नाम लेकर उसे गलियाँ देने शुरू कर दीं और कहने लगा देख अमित उसने ख़ुद मुझे मिलने के लिए बुलाया और मेरी बेईज्ज़ती कर दी. बता मैं इस कु... का क्या करूं देखना ये कभी खुश नही रहेगी अपनी ज़िंदगी में. मैंने इसके बाद नोटिस करना शुरू किया की आख़िर माजरा क्या है जो लड़के इससे दो तीन सप्ताह तक तो बिना उससे हेल्लो ही किए बगैर व्यायाम नही शुरू करते थे. अब उसके पास भी नही जाते. तो मुझे बाद में पता चला की इस लडकी को ये सब करने में मज़ा आता है. जो उनकी जाल में फंसा उसकी बेईज्ज़ती पक्की. इसके बाद इनमे से कोई भी उनसे बात नही करता. वैसे मेरा जिम ऐसा है जो बहता पानी है हर रोज़ वहां नए बन्दे बॉडी बनाने आते हैं. और मैडम अपनी खावाहिस पूरी कर लेती हैं. अब सोच रहे होंगे की मैं उसके चक्कर में क्यूँ नही फंसा तो मैं आपको बता दूँ मैं भी नम्बर में था. पर उस लड़के ने मेरी आँखें खोल दी थीं जो उनके चक्कर में आ चुका था. पर यार ये देखने में बहुत अच्छा लग रहा है. और अब तो एक ही बात दिल से निकलती है की अच्छा जी राम राज्य में ऐसा भी होता है.
अमित द्विवेदी

5 टिप्‍पणियां:

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

अमित जी हम तो म्हारे जिम मे ये तमाशे कई सालों से देख रहे है पर म्हारे पै कोई लाइन ना डालती ! शायद म्हारा जवान बेटा साथ जाया करता है ! भाइ आप तो बडे शौभाग्य शाली हो ! बधाई !

अमित द्विवेदी ने कहा…

dada ye ramrajya ki baat hai isliye bol rahaa hoon

Anil Kumar ने कहा…

मेरा भी ऐसी कुछ महिलाओं से पाला पड़ा है जिनको दूसरों की बेइज्जती करने में बहुत मज़ा आता है। वो सारी की सारी "बड़े घराने" से थीं, बाप के पास भरपूर पैसा था, और उन सभी का कोई भाई-बहन नहीं था। लगता है कि ये किसी तरह का "ट्रेंड" है जो ज्यादा पैसा होने और भाई-बहन न होने की वजह से उनके दिमाग में घर कर गया है।

बेनामी ने कहा…

हा हा...........बेहद रोचक वर्णन था.......भाग्यवश मेरा ऐसे किसी लड़की से पाला नही पड़ा..........परन्तु सिर्फ़ इस डर से, की कोई बाद में बेज़त्ती ना कर दे, किसी नए लड़की से जान-पहचान न बढ़ाना कहाँ तक उचित है?? जहाँ तक बेज़त्ती करने का सवाल है, तो उसका लाईसेन्स तो लड़को के पास भी है...........यदि कोई आपकी बेज्ज़ती करे तो बिंदास आप भी उनकी बेज़त्ती करने के लिए स्वतंत्र है..........कुछ उदारवादी ये कह सकते है, की दूसरो की बेज़त्ती करना पशुता है, परन्तु "शठे शठं समाचरेत" ही उचित नीति होती है ........यदि कोई 'ignore' करता है, तो आप भी उसे ignore करने के लिए स्वतंत्र है.........
यदि कोई कन्या चतुर है, और अपनी चातुर्य कला के प्रदर्शन द्वारा किसी पुरूष को मुर्ख बनती है, तो पुरुषों का भी यह धर्म बनता है की उस कन्या का यह भ्रम दूर करे, की वो सभी को मुर्ख नही बना सकती, और कोई अंततः उसे भी मुर्ख बना सकता है..........

L.Goswami ने कहा…

har insan alag hota hai,utni hi alg hoti hai uski sonch..